क्या दौलत की खातिर ही,
इन्सान जहाँ में आता है??
सकल कमी जोड़ते-जोड़ते,
आखिर एक दिन मर जाता है.
क्या मिलता है उसे यहाँ पर,
छोड़ यही तो जाता है.
तो फिर काहे जीवन भर,
वह लुट-खसोट मचाता है?-Nandini g
इन्सान जहाँ में आता है??
सकल कमी जोड़ते-जोड़ते,
आखिर एक दिन मर जाता है.
क्या मिलता है उसे यहाँ पर,
छोड़ यही तो जाता है.
तो फिर काहे जीवन भर,
वह लुट-खसोट मचाता है?-Nandini g